पर्यावरण दिवस आया तो,
मंत्रीजी भी आये।
सड़क किनारे धूम धाम से,
पौधे साठ लगाए।
तभी एक बकरे ने आकर,
पौधे सारे खाये।
मीठे-मीठे पौधे खाकर,
बकरा जी घर आये।
शाम ढ़ले ही मंत्रीजी ने,
बकरा पकड़ मंगाया।
पका रसोई घर में फिर क्या!
बड़े स्वाद से खाया।
पर्यावरण दिवस पर अक्सर,
ही लगते जयकारे।
पेड़ पेट में पहुँच रहे हैं,
मंत्रीजी के सारे।