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टिन्नी शाला चल / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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मिन्नी बोली टिन्नी से,
टिन्नी टिन्नी शाला चल।
छुपी हुई है घर में क्यों,
घर से बाहर अभी निकल।
तेरे पापा शाला में,
नाम तेरा लिखवाएंगे।
नई किताबें बस्ता भी,
शीघ्र तुझे दिलवाएंगे।
वहाँ खिलोने मिलते हैं,
सरजी कथा सुनाते हैं।
सब बच्चों के साथ बैठकर,
गीत मजे से गाते हैं।