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होली के ढोल / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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होली के ढोल बजे, होली के ढोल
कीमत! अनमोल
सजे होली के ढोल
चिनियाँ रंग लाई थी
मिनियाँ भी पिचकारी
भीग गई रंगों में
दोनों की ही साड़ी
बातों में मस्ती के
खुशियों के बोल सजे
होली के ढोल बजे, होली के ढोल
बूढ़ों पर बच्चों पर
युवकों पर रंग चढ़ा
गली-गली, सड़कों पर
टिमकी मृदंग बजा
बैरभाव भूले सब
हंसकर दिल खोल मिले
होली के ढोल बजे, होली के ढोल
रंगों से धरती क्या
अम्बर तक लाल हुआ
घर-घर में गुझियों का
लड्डूओं का थाल सजा
मैना से तोते भी
करते किल्लोल मिले
होली के ढोल बजे, होली के ढोल।