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नाच बंदरिया नाच / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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छम-छम-छम-छम नाच बंदरिया,
छम-छम-छम-छम नाच।
भीड़ खड़ी है नाच देखने,
कमर ज़रा मटका दे।
पैर पटक ले आगे पीछे,
घुंघरू ज़रा बजा दे।
नहीं हुई है अब तक बोहनी,
कमा रूपये दस पांच बंदरिया।
छम...
हाथ पेट पर रखकर कहदे,
तू है भूखी प्यासी।
इन रुपयों से मिल जायेगी,
रोटी पौना आधी।
कह दे दान पूण्य वालों को,
देती कुदरत साथ बन्दरिया।
छम...
बाथ रूम में बतला किसने,
पानी व्यर्थ बहाया।
बता बंदरिया कौन सड़क के,
पेड़ काटकर आया।
खीच-खीच कर बाहर ले आ,
उन लोगों का हाथ बंदरिया।
छम...
बतला किसने आज किये हैं,
नंबर दो के काम।
घूस खाई है जिसने उसका,
पकड़ खीचकर कान।
मिला बेहिचक आँख ठीक से,
सबके चेहरे बांच बंदरिया।
छम...
यह भी बतला सुबह गली में,
कचरा किसने फेका।
पान तंबाकू खाकर किसने,
बीच सड़क पर थूका।
जिस-जिस ने भी सिग्नल तोडा,
तू डंडे से हांक बंदरिया।
छम...