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फूल खिलें तो गाल बजाओ / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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हर दिन घर में दीप जलाओ।
हर दिन दीपावली मनाओ।
हटा अँधेरा मिला उजाला,
इसी बात पर हँसो हँसाओ।
रोने में क्या रखा फायदा,
हँसने के अवसर ढुंढ़वाओ।
चाय मिले तो नाचो गाओ,
मिले नाश्ता तो मुस्काओ।
बच्चों के संग मिलकर बैठो,
उनके संग में धूम मचाओ।
मिले अगर मौका तो उनको,
अच्छे-अच्छे गीत सुनाओ।
जन्म दिवस पर ख़ुद के अपने,
या बच्चों के पौध लगाओ।
पानी खाद सुबह से डालो,
फूल खिलें तो गाल बजाओ।
घर का स्वच्छ सुगन्धित भोजन,
संग में बैठो मिलकर खाओ।
हँसी दिल्लगी मस्ती ठठ्ठा,
दिनचर्या का अंग बनाओ।
कड़वी बातें एक कान से,
सुनो दूसरे से धकियाओ।
कहने वाले कहते रहते,
ध्यान कभी उस पर न लाओ।
यह जीवन अनमोल धरोहर,
भले काम में इसे लगाओ।
याद करे तुमको यह दुनियाँ,
ऐसे नेक काम कर जाओ।