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लौटना / भगवत रावत

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दिन भर की थकान के बाद

घरों की तरफ़ लौटते हुए लोग

भले लगते हैं।


दिन भर की उड़ान के बाद

घोंसलों की तरफ लौटतीं चिडियाँ

सुहानी लगती हैं।


लेकिन जब

धर्म की तरफ़ लौटते हैं लोग

इतिहास की तरफ़ लौटते हैं लोग

तो वे ही

धर्म और इतिहास के

हत्यारे बन जाते हैं।


ऐसे समय में

सबसे ज्यादा दुखी और परेशान

होते हैं सिर्फ़

घरों की तरफ़ लौटते हुए लोग

घोंसलों की तरफ़ लौटती हुई

चिडि़याँ।