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ओस की बूँद / सपन सारन

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ओस की इक बूँद जैसे
पकड़े बेल के पत्ते को
तय है उसका नीचे गिरना
तड़पे संग में रहने को
पल भर को
बस पल भर को तो जीवन हो...।