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परियों के देश / सुरेश विमल
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परियों के देश चले आओ।
एक बनाएँ उड़न खटोला
बात करे जो आसमान से
उस पर हो जाएँ सवार हम
चले अकड़ कर बड़ी शान से।
जरा ठहर चंदा मामा से
करते भेंट चले आओ।
तारे घर में छुप जाएंगे
देख हमारा उड़न खटोला
सूरज दादा भी सोचेंगे
आया इधर कौन यह डोला।
सबको हैरानी में भरते
ऊंचे उड़े चले आओ।
परियों की रानी हम सब को
देख बहुत खुश हो जाएगी
बड़े प्यार से परी लोक के
फूल घरों में ठहराएगी।
श्वेत सजीली परियों के हम
बनने मित्र चले आओ।