भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
झल्लर मल्लर / सुरेश विमल
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:48, 14 सितम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश विमल |अनुवादक= |संग्रह=कहाँ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हिले हवा में
पात पेड़ के
झल्लर मल्लर।
फूल हिला
टहनी का प्यारा
पानी हिला
झील का सारा।
हिले हवा में
बाल भेड़ के
झल्लर मल्लर।
हरा दुपट्टा
हिला खेत का
कण-कण हिलने
लगा रेत का।
हिले हवा में
कांस मेंड़ के
झल्लर मल्लर।