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निष्णात / सारिका उबाले / सुनीता डागा

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होती है एक कली
हरे-हरे सावन की
मुलायम-सी मलाई

होती हैं उसकी
बिल्लौरी आँखें
आसमान में घूमती

होती है एक मशीन
साँसों को गिनने वाली
उसे समझती हैं
साँसें उसकी

होता है एक इंज़ेक्शन
सिर्फ़ कलियों को ही
चुनने वाला
और

और होता है एक शस्त्र
सांसों को
रक्त-मांस को
हज़ारों टुकड़ों में
बदलने वाला

होता है एक डॉक्टर
निष्णात निपुण
ढीठ
निर्लिप्त

उसी तरह एक
डॉक्टरनी भी
बड़ी कुशलता से
सब साफ़ करती है
हाथों से !

मूल मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा