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मुझको ज़रा बताओ नानी / प्रकाश मनु

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आसमान क्यों नीला लगता
तारों में क्या जादू जगता,
कैसे इंद्रधनुष उगता है
कहाँ छिपी परियों की रानी?
मुझको जरा बताओ नानी!

सूरज दिन भर चम-चम हँसता
किंतु शाम को क्यों यह ढलता,
नई रोशनी सबको देकर
कहाँ चला जाता यह मानी?
मुझको जरा बताओ नानी!

कैसे उगता चंदा प्यारा
बड़ा गजब इसका उजियारा,
चंपे के चंचल फूलों-सी
क्यों इसकी है हँसी सुहानी?
मुझको जरा बताओ नानी!

कैसे खिलते फूल सजीले
लाल-गुलाबी, नीले-पीले,
झूम-झूमकर मस्त हवा में
कहते हैं क्या एक कहानी?
मुझको जरा बताओ नानी!

चिड़िया गाती है जो गाना
लगता है क्यों खूब सुहाना,
कोयल क्यों अच्छी लगती है
कौआ क्यों इतना अभिमानी?
मुझको जरा बताओ नानी!