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किसने खाई नान खताई / प्रकाश मनु

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अभी यहाँ थी नान खताई
रखी हुई थी इस डिब्बे में,
गई कहाँ वह नान खताई?
बोलो-बोलो, किसने खाई,
किसने खाई नान खताई?

यहाँ-वहाँ मम्मी ने देखा
फ्रिज पर डिब्बा ढूँढ़ निकाला,
खाली था वह, पूरा खाली
नान खताई किसने खा ली?
पूछ रही मम्मी झुँझलाई!

इतने में नन्हे पैरों से
दौड़ी-दौड़ी मिंकी आई,
बोली मम्मी-मम्मी, मैंने
तो खाई बस एक खताई।
फिर जाने क्या हुआ कि जादू
से उड़ गई सब नान खताई!
डिब्बा है खाली का खाली,
देखो तो यह बिल्कुल खाली!

सुन करके मम्मी मुसकाई।
पापा दफ्तर से आए तो
उनको हँस-हँसकर कथा सुनाई
जादू घर में आज हुआ है,
खाई उसने नान खताई!

सुनकर पापा हँसे जोर से
मम्मी भी बस जोर-शोर से,
तब तक मिंकी दौड़ी आई
बोली पापा, सुन लो मम्मी,
मैंने खाई नान खताई!
कह करके मिंकी शरमाई।

फिर तो पापा-मम्मी, मिंकी
हँसे जोर से, खूब जोर से।
पापा बोले ऐसा लगता
अब खाई है नान खताई!
सबने खाई नान खताई,
बड़े गजब की नान खताई!