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वर्षा रानी / प्रकाश मनु

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वर्षा रानी
वर्षा रानी,
खत्म करो अब तो मनमानी,
प्यासी गैया
ताल-तलैया
माँग रहे हैं पानी-पानी!

वर्षा रानी
वर्षा रानी,
कभी तो ऐसा रूप दिखाओ,
बिजली के संग
आँख-मिचौनी,
इंद्रधनुष के संग मुसकाओ!

वर्षा रानी
फिर से पहनो
साड़ी बादल-बूटे वाली,
खेत-खेत में
अंकुर फूटें,
झूम-झूम नाचे हरियाली!

वर्षा रानी,
खूब सुहानी
रिमझिम-रिमझिम कथा सुनाओ,
रंग-रंग के
ले गुलदस्ते,
हर आँगन में प्यार जगाओ!