भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गरम समोसा / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:22, 6 अक्टूबर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=चुनम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
गरम समोसा, गरम समोसा,
लाओ-लाओ जरा समोसा।
इसमें थोड़ी चटनी डालो,
खाओ-खाओ, झटपट खा लो।
स्वाद बड़ा है इसमें भाई,
खाते अंकल, खाती ताई।
खाकर कहते बड़ा करारा,
'सी-सी’ करता है जग सारा!