Last modified on 10 अक्टूबर 2020, at 14:26

डूब गए बच्चे / लुईज़ा ग्लुक / ओम निश्चल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:26, 10 अक्टूबर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लुईज़ा ग्लुक |अनुवादक=ओम निश्चल |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आप ही देखिए कि वे कोई निर्णय नहीं ले सके
इसलिए यह स्वाभाविक ही था कि वे डूब जाते

पहले बर्फ़ उन्हें अन्दर ले गई
और फिर, उनके सभी सर्दियों, वाले ऊनी स्कार्फ़
उनके पीछे तैरते रहे उनके डूबने से लेकर
अन्त तक जब तक कि वे पूरी तरह शान्त नहीं हो गए
और तालाब ने उन्हें कई गुना गहरी पकड़ से ऊपर नहीं उठाया

लेकिन मौत उन्हें अलग अलग तरह से आनी चाहिए,
शुरुआत के इतना क़रीब ।
हालाँकि वे हमेशा से थे
दृष्‍टिहीन और भारहीन ।
इसलिए शेष सब स्‍वप्‍नमय था, दीपक,
टेबल और उनके शरीरों को ढँकने वाले अच्छे श्‍वेत वस्‍त्र भी

फिर भी वे उन नामों को सुनते रहे
जिन नामों से उन्‍हें पुकारा गया
तालाब पर फिसलते हुए जैसे :
तुम किसके इन्तज़ार में हो
घर आओ, घर आओ, खो जाओ
नीले और स्थायी जल में ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : ओम निश्चल