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एक क़िस्सा / लुईज़ा ग्लुक / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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दो औरतों का
एक ही दावा
वे बुद्धिमान राजा के
क़दमों पर आईं ।

दो औरतें
लेकिन एक ही बच्चा ।
राजा को पता था
इनमें से एक झूठ बोल रही है ।
उसने कहा
इस बच्चे के
दो टुकड़े कर दो; इस तरह
कोई भी नहीं लौटेगी
ख़ाली हाथ । और उसने
अपनी तलवार निकाली ।
 
फिर, दोनों में से एक ने
अपना दावा छोड़ दिया :
यही
यही वो निशान था, सीख थी ।
 
मान लो
तुम देखती हो कि तुम्हारी माँ
दो बेटियों के बीच फँसी है :
तुम कर ही क्या सकती हो
उसे बचाने के लिए
सिवाय इसके
कि ख़ुद का दावा त्याग दो –
और वह जान जाएगी
कौन असली बेटी है,
जिसे यह बर्दाश्त नहीं है
कि माँ को बाँट दिया जाए ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य

और लीजिए, अब पढ़िए अँग्रेज़ी में मूल कविता
          Louise Glück
             A Fable

Two women with
the same claim
came to the feet of
the wise king. Two women,
but only one baby.
The king knew
someone was lying.
What he said was
Let the child be
cut in half; that way
no one will go
empty-handed. He
drew his sword.
Then, of the two
women, one
renounced her share:
this was
the sign, the lesson.
Suppose
you saw your mother
torn between two daughters:
what could you do
to save her but be
willing to destroy
yourself—she would know
who was the rightful child,
the one who couldn't bear
to divide the mother.