भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नौकर और बच्चे:चार / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 08:12, 3 अक्टूबर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रफुल्ल कुमार परवेज़ |संग्रह=संसार की धूप / प्र...)
टी०वी० देखते बच्चे
खाना खा रहे हैं
खाते चले जा रहे हैं
खाते चले जा रहे हैं
नौकर का हिस्सा.