भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छोटी छोटी बातों पर यूँ / अशेष श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:30, 23 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशेष श्रीवास्तव |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
छोटी छोटी बातों पर यूँ
दिल के रिश्ते तोड़ो ना...
लाभ-हानि देख के ही बस
रिश्ते जोड़ो-तोड़ो ना...
बड़ी खुशियों की आस में
छोटी खुशियाँ भूलो ना...
कोई इंसाँ पूर्ण नहीं है
बात कभी ये भूलो ना...
दोष वक़्त का सदा न होता
हरदम वक़्त को कोसो ना...
भूल सभी से हो जाती है
भूलों पर दिल तोड़ो ना...
अहम वहम शत्रु रिश्तों के
इनसे नाता जोड़ो ना...
झूठी मान प्रतिष्ठा ज़िद पर
दिल के रिश्ते तौलो ना...
रिश्तों की ख़ातिर झुकने का
मौका कोई भी छोड़ो ना...
ईश्वर सदा है साथ हमारे
कभी विश्वास ये छोड़ो ना...