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तुम्हारे देह त्यागने से क्या / अशेष श्रीवास्तव
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तुम्हारे देह त्यागने से क्या
हमारे सम्बंध समाप्त हो गये!
मुझे तो लगता है देह त्याग से
हमारे सम्बंध और प्रगाढ़ हो गये...
पहले सम्बंध सिर्फ़ देह तक सीमित थे
देह छोड़ी तो सम्बंध असीमित हो गये...
देह तो छूटनी थी एक न एक दिन
आत्मा से जुड़े तो सम्बंध आत्मिक हो गये...
तुमने शरीर ही तो छोड़ा लेकिन
सीखें तो हमारे लिये छोड़ गये...
तुमने जीवन जो जी के दिखाया
वो आदर्श तो हमारे लिये छोड़ गये...
दौलत ओहदे ही सब कुछ नहीं
प्यार सेवा समर्पण की पूँजी दे गये...
स्वयं के जीवन की परवाह ना कर
कितनों को जीवनदान दे गये...
नफरत द्वेष के काँटों से भरे जहाँ में
प्रेम करूणा की राह हमें दे गये...
कौन कहता है पास नहीं हो हमारे
अब तो रूह में हमारी बस गये...