Last modified on 3 दिसम्बर 2020, at 00:16

डर है उसको किसके बल का / रमादेवी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:16, 3 दिसम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमादेवी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSavaiya}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

डर है उसको किसके बल का प्रभु जो तुम्हरे सरनागत हैं।
अब दीन दयाल न देर लगे बिगरी सब आप सुधारत हैं॥
बल वाह 'रमा' कब कौन कहाँ तुम्हरे बिन नाथ उबारत हैं।
उसको डर क्या भवसागर को जिसको करुणानिधि तारत हैं॥