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मेरा हृदय / नाज़िम हिक़मत

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मेरा आधा हृदय यहाँ है
डॉक्टर!
आधा चीन में;

पीली नदी की धारा में उतरी सेनावाहिनी में।
रोज़ सुबह डॉक्टर!

रोज़ सुबह ग्रीस में
गोलियों से छलनी हो रहा है
मेरा हृदय।

जब क़ैदी सोते हैं
क़दमों की आखि़री आवाज़ जब
अस्पताल में बिला जाती है
डॉक्टर! मेरा हृदय उन्हीं के साथ जाता है।

इस्ताम्बुल से मेरे पुराने जंगल घर की ओर
दौड़ पड़ता है मेरा हृदय!

इसके बाद ये दस साल
डॉक्टर! मैं निःस्व .... रिक्त।
ग़रीब देशवासियों को क्या दूँगा?
दे सकता हूँ तो केवल एक सेब

एक लाल सेब
-- मेरा हृदय।

किसी और वजह से नहीं
आँखों में मोतियाबिन्द की वजह से नहीं
निकोटिन के ज़हर की वजह से नहीं
जेलख़ाने में रहने की वजह से भी नहीं
सिर्फ़ इस एक वजह से
छटपटाता है मेरा हृदय।

देखता हूँ
चौखट लाँघकर घुस आती है रात
भले ही दीवारें मेरे सीने पर पत्थर जमा देती हैं
फिर भी सुदूर नक्षत्रों की ताल पर
मेरा हृदय स्पंदित होता रहता है।


अंग्रेज़ी से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी
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यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।