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माँ नमन तेरे चरण में / नवीन कुमार सिंह
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कर्मयोगी हम बनें और शुद्घता हो आचरण में
माँ नमन तेरे चरण में, माँ नमन तेरे चरण में
कर्ज से हम मुक्त हों और देश हो समृद्ध मेरा
काम सबके हाथ में हो, तब सपन हो सिद्ध मेरा
भूख की नागिन डसे ना अब किसी को इस चमन में
माँ नमन तेरे चरण में, माँ नमन तेरे चरण में
इस धरा को दिव्यताएं नित्य नूतन सदन मानें
नारियाँ सामर्थ्यशाली स्वयं का अस्तित्व जानें
अब न अबला शब्द पाया जाए जग के व्याकरण में
माँ नमन तेरे चरण में, माँ नमन तेरे चरण में
खेत में बस हल चले, ना फाँसियों की डोरियाँ हो
चैन के बिस्तर पे हँसती मुस्कुराती लोरियाँ हो
प्रार्थना यह कर रहे हैं, हम खड़े तेरी शरण में
माँ नमन तेरे चरण में, माँ नमन तेरे चरण में