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वह मुझे देखती है / रमेश पाण्डेय

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वह मुझे देखती है

जैसे देखती है

मुझ में किसी और की आँखें

किसी और का चेहरा


ढूँढ़ती है कोई और ठस आवाज़

माथे पर जैसे कोई चोट का निशान


उसकी आँखों में

मैं देखता हूँ परात भर पानी

जिससे वह पखारती है मेरे अदृश्य पाँव


तुम किसकी माँ हो

राम सवारी देवी?


मैं क्यूँ देखता हूँ तुम्हारे माथे पर

अपनी माँ का टीका

तुम्हारी निष्कपट आँखों में

अपनी माँ के संचित आँसू