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भूमिका / शचीन्द्र आर्य
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कोई होता, जो हमें बता पाता,
किस तरह हम इस समय को समझ सकते थे।
कैसे पहले की गयी गलतियों से कुछ सीख लेना था।
किन मौकों को बेहतर इंसान बनने के लिए चुना जाना था।
अगर उनसे इतना भी न होता,
तब, कम से कम वह यह बता पाते, यह समय
किस तरह दोबारा हमें अतीत में ले जाने की कोशिश करता रहा,
जहाँ हम बर्बर, हिंसक, खुरदरे होकर सिर्फ़ आवारा भीड़ होते गए।
उसे लगता,
इतिहासकार यह भूमिका ठीक से निभा सकते थे।