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हाथी / रुचि जैन 'शालू'

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1.
खम्बे जैसे पैर हैं उसके
झूम झूम कर चलता है
सूपे जैसे कान हैं उसके
डुला-डुला कर चलता है
लम्बे-लम्बे दांत है उसके
केला, गन्ना खाता है
सूँड उसकी बड़े काम की
लकड़ी को वह ढोता है
नदी में जाकर खूब नहाता
जंगल की खूब सैर कराता।

2.
मतवाली हाथी की चाल
ठुमक-ठुमक कर चलता है
सूंड में पानी भर-भर कर
सबको खूब नहलाता है।