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नववर्ष / राम करन

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जनवरी में तुम देना धूप,
फरवरी का सुंदर हो रूप।
मार्च खिलखिलकर बने अनूप,
मिले आकर अप्रैल सहर्ष।
हर्ष लेकर आओ नववर्ष।

मई में उपवन देंगे छांव,
जून में जाएंगे हम गांव।
जुलाई लेकर आये नाव,
छमाछम वर्षा का उत्कर्ष।
हर्ष लेकर आओ नववर्ष।

खुलेंगे फिर से सब स्कूल,
खेल में होंगे हम मशगूल।
सितम्बर में मौसम अनुकूल,
करेंगे धान्य द्वार स्पर्श।
हर्ष लेकर आओ नववर्ष।

दशहरा का होगा मेला,
अक्टूबर में ठेलमठेला।
नवम्बर में प्रकाश बेला,
अंधेरों का होगा अपकर्ष।
हर्ष लेकर आओ नववर्ष।

दिसंबर ठंडा-ठंडा माह,
हमे कर जाएगा आगाह।
लगाओ अपने मन में थाह,
किया क्या बीते पिछले वर्ष?
हर्ष लेकर आओ नववर्ष।