भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लुकाछिपी / वास्को पोपा / सोमदत्त

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:46, 1 मार्च 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वास्को पोपा |अनुवादक=सोमदत्त |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोई छिपता है किसी से
छिपता है नीचे अपनी जीभ के
वह खोजता है उसे नीचे धरती के

वह छिपता है अपने माथे में
वह खोजता है उसे आसमान में

वह छिपता है अपने भुलक्कड़पन में
वह खोजता है उसे घास में

खोजता है उसे खोजता है
कहाँ नहीं ढूँढ़ता उसे
और खोजते-खोजते उसे खो देता है ख़ुद को

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त'