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सूना -सूना जा रहा / अनुराधा पाण्डेय
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सूना-सूना जा रहा, अबकी पिय त्यौहार।
कह के गए विदेश से, लाऊँ नौलख हार।
लाऊँ नौलख हार, सखी सब ताने देती।
भूला तेरा प्यार, सभी कह चुटकी लेती।
अबके भी मधुमास, लगाया-मानो चूना।
लगता ज्यों पतझार, लगे सब सूना-सूना।