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बतादे पिया / रणवीर सिंह दहिया

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एक महिला की अपने पति से तीन कानूनों के बारे बातचीत। क्या बताया भला—
ये कानून के जंजाल पिया,
बतादे करकै खयाल पिया,
उठती मन मैं झाल पिया,
आज करैंगे कंगाल पिया,
तारैंगे म्हारी खाल पिया,
जवाब दिए तूँ खोल कै॥
1.
किसान मोर्चे नै कर जलसा ये सारी बात बताई हो
सन सैंतालीस तैं पहल्याँ गोरयाँ बरगी लूट मचाई हो
नहीं आच्छी सरकार पिया,
किसान का बहिष्कार पिया,
मोदी नहीं मददगार पिया,
बणाया देश बाज़ार पिया,
कानून बधारे तकरार पिया,
मनै जवाब दिए तोल कै॥
2.
बढ़िया सैं तीनों क़ानून ये मन मेरा तै मानै कोन्या हो
क्यों बात किसानां की ये बैठी सैं रकानै कोन्या हो
कैसे बनै इनकी बात पिया,
कररे संघर्ष दिन रात पिया,
देखी सरकारीऔकात पिया,
आवण आली सै श्यात पिया,
इसकै मारैगा संपात पिया,
मनै जवाब दिए टटोल कै॥
3.
खाद पाणी बिजली हों म्हंगी यो बीज ना अपणा होगा
म्हारी ज़िन्दगी खुशहाल हो यो चकनाचूर
सपणा होगा
घणी करैंगे धुनाई पिया,
फेर नहीं मिलै दवाई पिया,
कसूती रोल मचाई पिया,
जनता ख़ूब भकाई पिया,
क्यूकर बचै तबाही पिया,
मनै जवाब दिए बोल कै॥
4.
चिंता रोज़ सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा
तीनों कानून घणे भुन्डे इतना तो अंदाज़ भरतार मेरा
खींच सही तसबीर पिया,
लड़ा कोए तदबीर पिया,
मसला घणा गम्भीर पिया,
बतावै आज रणबीर पिया,
मेटें कानूनां की लकीर पिया,
म्हारा साथ दिए टटोल कै॥