Last modified on 28 मार्च 2021, at 00:04

रंग / अरविन्द श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:04, 28 मार्च 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द श्रीवास्तव |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आज मैंने उसकी धड़कन में
खुद की धड़कन शामिल की
उनकी सांसो में मिलायी अपनी सांस
कोमल कथ्य भाषा-शैली में मूर्त्त हो उठा
असंख्य फूल खिल उठे इधर-उधर
गीत, गज़ल नज़्मों में बजने लगे झंकार
चतुर्दिक विस्तारित हुआ ऋतुराज
जीवन गतिशील और अधिक ऊर्जावान
बिंव व चित्रों से हटकर
रंग-बहुरंगी बिल्कुल चटक फितरत में
फैल गया सदियों के लिए