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भौजी / अरविन्द श्रीवास्तव

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भौजी आई है मायका से
कुटवा कर तीसी लायी है
ढकिया भर पटुआ साग

बतिया रही है अन्दर
कल उखेल होते ही
लगा दूंगी अचार
मूली का

मैं स्वाद का संवरण
नहीं छोड़ पा रहा
अपनी ज्यूरिख यात्रा
कैंसिल करता हूँ
अभी !