भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमरो देश / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:55, 28 मार्च 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरुद्ध प्रसाद विमल |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सबसें सुन्दर हमरोॅ भारत देश
जन्मै आबी जहाँ शेष महेश।
यमुना तट कृष्णोॅ के याद दिलावै
बंसी धुन पर राधा रास रचावै
पेड़, पहाड़, नदी, पर्वत से भरलोॅ
जेकरा देखी देवोॅ भी ललचावै
रीतु-रीतु में धारै छै सुन्दर वेश
सबसें सुन्दर हमरोॅ भारत देश।
इन्द्रलोक से भी हमरा ई प्यारोॅ
एकरा सें धरती पर के छै न्यारोॅ?
किसिम-किसिम के फूलोॅ से भरलोॅ
जनम-जनम तक यै धरती पर वारोॅ
धन्य धरा ई यहाँ नै कोनोॅ क्लेष
सबसें सुन्दर हमरोॅ भारत देश।
राम-कृष्ण बुद्धोॅ के ई देश छेकै
विस्मिला, आजाद के ई देश छेकै
ई देश भगतसिंह, असफाकोॅ के
सूर, तुलसी, मीरा आरो बिहारी के
पुन्न-पुन्न से छै भरलोॅ सौसे परिवेश
सबसें सुन्दर हमरोॅ भारत देश।