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हेमंते करै नेमान / कुमार संभव

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हेमंते करै नेमान।
टेबी काटै झुकलो सीसोॅ धान
हेमंत करै नेमान।

धान खेतोॅ से लानी के झाड़ै
कखनूं कस्सी हाथें कचिया पकड़ै
नहाय केॅ शिशिरें लेतै पचघान
हेमंते करै नेमान।

पंचभोग पचघानोॅ से बनतै
केला पŸाा पर देवोॅ के पूजतै
ठारोॅ से कांपै शिशिरो के प्राण
हेमंते करै नेमान

नया अन्न खावै के अजवे ई संयोग
सजलोॅ सबके पŸाा में दही चुड़ा के भोग
मीट्ठोॅ रौदी में हेमंत, हाँसै सांझ-विहान
हेमंते करै नेमान।