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हाइकु / नंदा पाण्डेय/ कविता भट्ट
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1.
मन का द्वार
बन स्मृति उत्सव
खींचता ध्यान
मन कु द्वार
बणि खुदौ तिवार
खैंचदु ध्यान
2
याद तुम्हारी
प्रतिपल नूतन
स्पंदन रत
खुद तुमारी
घड़ि-घड़ि नैं बल
गिडारु जन्न
3
बच्चों की आँखें
खोजती रही चाँद
नींद माँगते
बाळौ का आँखा
खुजौणा रैं जून
निन्द माँगणा
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