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कराह में / वास्को पोपा / सोमदत्त
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लपट उठ रही थी ऊँची
रसातल से गोश्त के
धरती के नीचे
असमर्थ फड़फड़ाहट पंखों की
और पंजों की अन्धी खरोंचें
धरती पर कुछ नहीं
बादलों के तले
गलफड़ों की धुन्धली रोशनियाँ
और गूँगी चीख़ें शैवालों की
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोमदत्त