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बैर क्यों / रणवीर सिंह दहिया
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इसी कोए मिशाल भाई कदे दुनिया मैं पाई हो॥
हिन्दु के घर मैं आग ख़ुद कदे खुदा न लाई-लाई हो॥
राम रहित नानक ईसा ये तो दीखैं नर्म देखो
चमचे इनके हमेश पावैं पतीले से गर्म देखो
याद हो किसे कै बस्ती कदे राम नै जलाई हो॥
2
ब्रूनो मारया-मारया गांधी धर्म की इस राड़ नै
ये किसे धर्म सैं जित रूखाला ख़ुद खा बाड़ नै
एक दूजे की मारी-मारी किसे धर्म नै सिखाई हो॥
3
घरां मैं बुढ़ापा ठिठरै मज़ार पै चादर चढ़ावैं
बिकाउ सैं जो ख़ुद वे ईब म्हारी क़ीमत लावैं
खड़े मन्दिर मस्जिद सुने बस्ती दे वीरान दिखाई हो॥
4
सूरज हिन्दू चन्दा मुस्ल्मि तारयाँ की के जात
किसकी साज़िश ये विचारे क्यों टूटैं आधी रात
रणबीर धर्म पै करां क्यों बिन बात लड़ाई हो॥