भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राग-विराग - 2 / विमलेश शर्मा
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:53, 21 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विमलेश शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=ऋण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सबसे कठोर
विधना के ताले
जो उसने हैं
चाहना पर जड़े!