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भय भंजना / शैलेन्द्र
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आ...आ... आ..
भय-भंजना वन्दना सुन हमारी
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी
भय-भंजना
गीतों के फूलों की माला बनाकर
लाया हूँ दिल आरती में सजाकर
ये साँसों की सरगम
करूँ तेरे अरपन
आ...आ... आ..
तुझे और क्या दूँ मैं ठहरा भिखारी
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी
भय-भंजना
आजा मधुर स्वप्न सी मुस्कुराती
मन के बुझे दीप हंस कर जलाती
जपे दिल की धड़कन तेरा नाम हरदम
आ...आ... आ..
उत्तर ज्योत किरणों की लेकर सवारी
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी
भय-भंजना वन्दना सुन हमारी
भय-भंजना
गगन तलक मैं पलक पसारुँ
एक झलक दिखलाजा
मुझपर तरस कर एक पल हंस
ज्योति धार बरसाजा
मेरी लाज तेरे हाथ भर दे
आ...आ... आ..