भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मास्क / श्रवण कुमार सेठ
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:20, 4 अगस्त 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रवण कुमार सेठ |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हुआ कोरोना
मक्खी को
डरने लगी
मिठाई,
हलवाई से
बोली मुझे भी
मास्क लगा
दो भाई।