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पूजा के बाद / हरदीप कौर सन्धु
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पूजा के बाद
अगरबत्ती -राख
थी मेरे हाथ
52
ऊँचे मकान
रेशमी हैं परदे
उदास लोग
53
ढूँढना ज़रा !
गुम हो गई कहीं
मेरी मुस्कान
54
ऐसी गोलाई
करे सबको सीधा
वो है मुस्कान
55
अमृत वेला
चहकती चिड़िया
कुकड़ू रे कूँ
56
अम्बर चाँद
दूध- भरी कटोरी
दूधिया रात
57
उनींदे नैन
तारा -तारा अंबर
अधूरा चाँद
58
हवा का झोंका
धनिए की महक
भरे अँगना
59
वीरान राह
खिले फूल बबूल
महकी हवा
60
मेह-कतरे
बूँद-बूँद टपकते
नहाएँ फूल
61
एकांत राह
झोंके संग उड़ते
मेपल-पत्ते
62
वीरान घर
चक्की के दोनों पाट
खड़े अकेले
63
अम्बर धुआँ
बिन पत्तों के पेड़
उड़ती राख़
64
शैल- शिखर
निर्मल धारा बहे
मन प्रखर