भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आज़ादी की उम्मीद / केटी निव्याबन्दी / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:42, 24 अक्टूबर 2021 का अवतरण
हम आज़ादी चाहते हैं
पीले हीरे की तरह आज़ादी
धूल से निकालेंगे जिसे
निकालेंगे पत्थरों को काटकर
हमारे नंगे हाथों से
चट्टानों पर बहता है खून
हम कोयले में साँस भरते हैं
और उम्मीद छोड़ते हैं बाहर
हर साँस के साथ
अँग्रेजी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब इसी कविता को मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए
Ketty Nivyabandi
Hope of Freedom
we seek freedom
like yellow diamonds
through dust
through stone
our naked hands
bleed on rocks
we breathe in coal
but exhale hope