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हिननें फचफच हुन्नें फचफच / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

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हिन्नें फचफच हुन्नें फचफच
जिन्ने देखो तिन्ने बजबज।

रस्ता पैरा ऐंगना कि द्वार
जोंकबा से पैभों की पार
किन्नें लात उठैभों धरभो
जिन्नें पड़थौ हुन्हैं पचपच
हिन्नें फचफच हुन्नें फचफच।

कत्ते पानी, कत्ते पानी
सबक‘ याद देलैलकै नानी
नाली भरलै, पोखर भरलै
भरलो गांग करै छै लबलब
हिन्नें फचफच हुन्नें फचफच।

गैया-भैसिया पाठा-पाठी
कन्ने ठोकौं किल्ला-काठी
घांस भूसा के नै ठिकाना
ऊपरो सें बर्षा रानी झमझम..
हिन्नें फचफच हुन्नें फचफच।

घरॉे गिरलै खेतो कटलै
कत्ते जीव डुबी के मरलै
दुख्खो के जोॅड़ फरक्का बाँध
जे देलकै जीवन में कचकच
हिन्नें फचफच हुन्नें फचफच।