याद / क्रिस्टीना रोजेटी / सुधा तिवारी
याद करना मुझे जब चली जाऊँ मैं दूर,
सुदूर किसी प्रशान्त क्षेत्र में;
जब फिर कभी न थाम सको तुम अपने हाथों में मुझे,
न ही मैं रुक सकूँ जाते - जाते मुड़कर।
याद करना मुझे जब रोज़ - ब - रोज़
तुम तफ़्ज़ील दे न सको भावी योजनाओं की :
सिर्फ़ याद करना, तुम समझ लो कि
सान्त्वना देने या प्रार्थना करने के लिए बहुत देर हो गई होगी तब ।
फिर भी मुझे अगर भूल ही जाना हो तुम्हें थोड़ी देर के लिए
और फिर याद करना हो, उदास न हो :
क्योंकि अन्धेरा और जफ़ा बच
रहे अगर
उन ख़यालों की निशानी - सी
जो कभी मैं हुआ करती थी,
बेहतर है कि उन्हें भूल जाओ तुम
और मुस्कुराओ
बनिस्बत कि तुम
याद रखते हुए उदास रहो ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधा तिवारी
लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
Remember
Christina Rossetti
Remember me when I am gone away,
Gone far away into the silent land;
When you can no more hold me by the hand,
Nor I half turn to go yet turning stay.
Remember me when no more day by day
You tell me of our future that you planned:
Only remember me; you understand
It will be late to counsel then or pray.
Yet if you should forget me for a while
And afterwards remember, do not grieve:
For if the darkness and corruption leave
A vestige of the thoughts that once I had,
Better by far you should forget and smile
Than that you should remember and be sad.