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साँप / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
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वह इतनी फुर्ती से सरक जाता है
वापस घास के बीच —
रास्ता छोड़ देता है मेरे लिए
ताकि मैं गुज़र सकूँ,
कि मुझे शर्मिन्दगी सी महसूस होने लगती है
एक पत्थर उठाने में
उसे मारने के लिए ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
—
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Langston Hughes
Snake
He glides so swiftly
Back into the grass —
Gives me the courtesy of road
To let me pass,
That I am half ashamed
To seek a stone
To kill him.
Langston Hughes
Saturday, March 27, 2010