भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चादर / मरीने पित्रोस्यान / उदयन वाजपेयी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:06, 17 अप्रैल 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मरीने पित्रोस्यान |अनुवादक=उदयन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सोविक के लिए, उसके भाई की मृत्यु के बाद

अपने से अनजाने व्यक्ति
की मृत्यु पर
तुम्हे अलग उदासी घेरती है

एक तरह की
अकथ उदासी

और तुम पहचान लेते हो
कि यह उदासी
हमेशा तुम्हारे
साथ थी

तुमने सिर्फ़ उसे
महीन लगती
चादरों से
ढँक रखा था

और अब
ऐसे व्यक्ति के शरीर को देखकर
जो जा चुका है
तुम्हें लगता है
कि तुम्हारे भीतर की
महीन चादरें
फट रही हैं
एक के बाद एक
 
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयन वाजपेयी