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उत्पीड़न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
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नए स्वप्न
नहीं हैं उपलब्ध
स्वप्नदर्शियों को,
न ही गीत
गाने वालों को ।
हैं कुछ देश जहाँ
स्याह रात और ठण्डा इस्पात
करते हैं राज
पर स्वप्न
लौटेंगे वापस
और गीत भी
तोड़ेगा
अपनी इस कारा को ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
—
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Langston Hughes
Oppression
Now dreams
Are not available
To the dreamers,
Nor songs
To the singers.
In some lands
Dark night
And cold steel
Prevail
But the dream
Will come back,
And the song
Break
Its jail.