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आस्था - 58 / हरबिन्दर सिंह गिल

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सड़कों का
आज के जीवन में
मानव और मानवता
दोनों के लिये ही
बहुत महत्व है।

यदि कोई कहे
देशों का शासन
आज के प्रजातंत्र में
सिर्फ महलों में बैठकर
चलाया जा सकता है
यह गलत धारणा होगी।

शायद इसी वजह से
बर्लिन जैसी दीवार
मानव की उमड़ती
भीड़ के समक्ष
धूल बनकर
उड़ती नजर आई थी।
काश ये धुल, नित नई
बनती सीमाओं की रेखाओं को
अपने साथ
लेकर लुप्त हो जाती
मेरी आस्था को
एक नया आयाम मिलता।