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दर्द की कीमियागिरी / बाद्लेयर / मदन पाल सिंह

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एक तुझे भावों की ख़ुशबू से भरता है
दूसरा दुख-दर्द, कुदरत की विरासत से
एक के लिए — ज़िन्दगी क़ब्र का मंज़र
दूसरे के लिए — ज़िन्दगी एक शान
ख़ुशबू की तरह ।

अनजाने हरमीस<ref>प्राचीन यूनानी देवता, जिसे ईश्वर का दूत भी माना जाता है।कविता,आविष्कार और यात्रियों का संरक्षक। </ref> ने मेरी सहायता की
और मैं बन बैठा मिदास<ref>प्राचीन यूनानी मिथक परम्परा में एक राजा, जिसे स्वर्ण और धन से अत्यधिक प्रेम था और उसे यह वरदान मिला हुआ था कि जिस भी चीज़ को छुएगा, वह चीज़ सोने में बदल जाएगी। यहाँ तक कि भोज्य-पदार्थ भी उसके स्पर्श से सोने में बदल जाते थे। अपनी इसी लिप्सा के कारण उसकी मृत्यु भूख की वजह से हुई।</ref> की कला का सर्जक
पर सर्जक का घाव तो रिसता ही रहता है,
सबसे दुखी
और दुख-दर्द समाप्त ही नहीं होते !

मैं तेरे द्वारा
स्वर्ण को लोहे में बदल देता हूँ
और बना देता हूँ स्वर्ग को नारकीय अन्धड़
बादलों के कफ़न में !

मैं खोजता हूँ
एक प्रिय शव
और स्वर्गीय दिव्य क्षितिज पर
बना देता हूँ उसकी विशाल प्रस्तर क़ब्र ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मदन पाल सिंह

शब्दार्थ
<references/>