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मैं गोया हूँ / अन्द्रेय वज़निसेंस्की / श्रीकान्त वर्मा

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मैं गोया हूँ
बर्बर युद्धक्षेत्र का जब तक दुश्मन की नोकीली चोंच
मेरी आँखों को न चींथ कर बाहर कर दे तब तक
मैं दुख हूँ

मैं युद्धोन्मुख हूँ
’41 के बर्फ़ीले अन्धड़ में
बुझे जा रहे अंगारों-से नगर
भूख हूँ

मैं उस औरत की
गरदन हूँ, सूली पर लटकाई जाकर सूने चौरस्ते
जिसका शव
घण्टे-जैसा झूल रहा है
मैं गोया हूँ


ओ शापों की वर्षा !
घुस आए मेहमानों के अवशेष
         फेंककर अस्ताचल में
ठोंक दिए हैं मैंने हरदम — आसमान पर
तारे — जैसे कील
मैं गोया हूँ ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीकांत वर्मा