भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गृहिणी / एन सेक्सटन / देवेश पथ सारिया

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:39, 13 अगस्त 2022 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुछ औरतें घरों से विवाह रचाती हैं
इनमें एक अलग क़िस्म की ख़ाल होती है
जिसमें शामिल एक दिल है,
एक मुँह है, एक जिगर है
और मल का निकास है

दीवारें स्थायी और गुलाबी हैं

देखो, पूरे दिन किस तरह
बैठी रहती है वह
घुटनों के बल
बड़ी वफ़ादारी से ख़ुद को धोती हुई
पुरुष बलात् प्रवेश करते हैं
और माँ की मांसल देह से
पथभ्रष्ट जोनाह* की तरह निकाल लिए जाते हैं
लब्बोलुआब यह है
कि स्त्री उनकी माँ है।

’*जोनाह एक पैग़म्बर थे जिन्हें ईश्वर की अवज्ञा करने के फलस्वरूप एक मछली ने निगल लिया था। जोनाह द्वारा माफ़ी माँगने पर ईश्वर के आदेशानुसार मछली ने उन्हें उगल दिया था। इस कविता का भावानुवाद करने की कोशिश में ‘पथभ्रष्ट’ जैसे शब्द जोड़े गए हैं।’

मूल अँग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : देवेश पथसरिया

  लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
            Anne Sexton
              Housewife

Some women marry houses.
It's another kind of skin; it has a heart,
a mouth, a liver and bowel movements.
The walls are permanent and pink.
See how she sits on her knees all day,
faithfully washing herself down.
Men enter by force, drawn back like Jonah
into their fleshy mothers.
A woman is her mother.
That's the main thing.